1 special muli patte ki bhujiya/ मूली के पत्तों की भुजिया कैसे बनाएं
muli patte ki bhujiya/मुली सर्दियों के दौरान एक बहुत ही स्वास्थ्य वर्धक और आसानी से उपलब्ध होने वाली सब्जी है।
आमतौर पर लोग मूली के पत्तों की भुजिया और सलाद बनाने में मूली का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन हरी पत्तियों को फेंक देते हैं। मूली के पत्तों की भुजिया उत्तर भारत में विशेष रूप में उत्तर प्रदेश और पंजाब में एक बहुत लोकप्रिय स्टर फ्राई हैं।
जिसमें जड़ और पत्तियां दोनों का उपयोग लिया जाता है। मूली के पत्तों की भुजिया बनाकर कई जगह पर लोग बहुत पसंद करते हैं और लोग बड़े चाव से खाते हैं।मूली की सब्जी बहुत प्रकार से बनाई जाती हैं या तो कटी हुई सब्जियों को उबालकर और फिर तड़के में भूनकर बनाई जा सकती है।https://foodwada.com/
muli patte ki bhujiya/मूली के पत्तों की भुजिया बनाने की सामग्री:
- 1/2 किलो मूली की पत्ती
- 250ग्राम आलू
- एक छोटा चम्मच लाल मिर्च
- एक छोटा चम्मच नमक
- थोड़ा सा अमचूर
- एक छोटा चम्मच गरम मसाला
- 50 ग्राम घी एक छोटा चम्मच हल्दी
Table of Contents
muli patte ki bhujiya/ मूली के पत्तों की भुजिया बनाने की विधि:
चलिए शुरू करते मूली के पत्तों की भुजिया बनाने की विधि
.पहले मूली के पत्तों को सरसों के साग की भांति बारीक-बारीक काट ले फिर आलुओं को भी छिल कर छोटे टुकड़ों में कटे प्याज भी बिल्कुल बारीक काट कर घी को किसी भी पतीले, कड़ाही अथवा कुकर में डालकर आग पर गर्म करें फिर उसमें नमक, मिर्च डालकर पका लें जब सब कुछ पक जाए तो ऊपर से मूली के पत्तों और आलू को डालकर इन्हें थोड़ी देर तक हिला कर खूब मिक्स कर दें।.
कुकर हो तो दूसरी सिटी पर उतार लें यदि खुले बर्तन में पका रहे हो तो 20 मिनट की करीब पकने में लगेंगे वैसे उतारने से पहले आलू को दबा कर देख लें यदि वह हाथ से दब रहा हो तो समझ लो की सब्जी पक चुकी है उसे नीचे उतार कर गरम मसाले एक चम्मच डाल दें यदि चाहे तो हरा धनिया भी काट कर डाल सकते हैं ।
मूली के पत्तों की भुजिया खाने के फायदे:
- इसके कई स्वास्थ्य लाभ है यह शरीर को विष मुक्त करता है।पेट और लीवर के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।बवासीर ,पीलिया ,मूत्र पथ के संक्रामक को ठीक करने में मदद करता है।कैंसर आदि की समस्याओं को कम करने में सहायता करता हैं।
muli patte ki bhujiya/मूली के पत्तों में पाई जाने वाले पोषक तत्व:
.मूली के पत्ते विटामिन सी से भरपूर होते हैं। इसमें मूली से 6 गुना ज्यादा पत्तों में विटामिन सी पाया जाता है। आपको सीजनल ,खांसी ,एलर्जी ,जुकाम आदि होता रहता है तो मूली के पत्ते खाना शुरू कर दे । मूली के पत्ते वजन को कम करने वालों के लिए बढ़िया ऑप्शन है ।
सफेद मूली या मूली का उपयोग प्रसिद्ध गुजराती संगीत-कढी़ में या मूली रोटी या मूली रायता, मूली चटनी आदि जैसी व्यंजन को बनाने में उपयोग में लिया जाता है। लेकिन हम अक्सर मूली के साग या मूली के पत्तों का उपयोग करने से चूक जाते हैं क्योंकि हम इसके पोषक मूल्य और इनमें मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ से परिचित नहीं होते।
मूली के साग में पाए जाने वाले पोषक तत्व:
मूली के पत्तों में भरपूर मात्रा में आयरन और फास्फोरस पाया जाता है जो शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने में काफी मदद करता है। यह एनिमीया और हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने में सहायता करता है। पाचन क्रिया को दुरस्त रखने के लिए फाइबर का सेवन बहुत जरूरी होता है और मूली के पत्तों में फाइबर की पर्याप्त मात्रा पाई जाती हैं ।
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