मडुआ की रोटी indian food recipe
आपने मक्के की रोटी, बाजरे की रोटी तो कई बार खाई होगी लेकिन क्या आपने कभी मडुआ की रोटी ट्राई की हैं, अगर नहीं तो इसे इस बार जरूर ट्राई करें क्योंकि यह सिर्फ खाने में टेस्टी ही नहीं होती बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी होते है इसके बारे में आज हम आपको बताएंगे ताकि इसका सेवन आप करें और सर्दियों में अपने स्वास्थ्य के ध्यान रखें।
० मडुआ की रोटी जिसको सबसे ज्यादा सर्दियों की मौसम में खाया जाता है इसके खाने के कई स्वास्थ्य लाभ है जिसके कारण इसे सबसे ज्यादा खाया जाता है इसकी खास बात यह है कि यह आपकी वजन को कभी नहीं बढ़ाती है।
० इस मेगा मैराथन को पूरा करने के लिए हमारे पास बस एक और महीना है और यह कई नए व्यंजनों और संस्कृत के बारे में सीखने और पढ़ने का अद्भुत महीना रहा है ।
० आज हम उत्तराखंड का दौरा कर रहे हैं जिसे पहले उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था पूरे राज्य में पाई जाने वाले कई पवित्र हिंदू मंदिरों और तीर्थ स्थलों के कारण राज्यों को देवताओं की भूमिका कहा जाता है राज्य को दो मंडलों गढ़वाल और कुमायूं में बांटा गया हैं।
० यह स्थान इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि हिंदू धर्म की दो सबसे महत्वपूर्ण नदियां इस क्षेत्र में निकलती है गंगा गंगोत्री से और यमुना यमुनोत्री से आप केवल अनुमान ही लगा सकते हैं कि यह स्थान कितना सुंदर होगा।
० उत्तराखंड उन पहले राज्यों में से एक था जिन्हें मैं उन व्यंजनों को अंतिम रूप दिया था जिन्हें मैं बनाना चाहती थी उत्तरांचल की ऑनलाइन साइट पर रेसिपी का काफी अच्छा संग्रह है मैंने मंडुआ के बारे में पड़ा और मुझे एहसास हुआ कि यह फिंगर मिलेट है जब मैं वैशाली से बात कर रही थी तो उसने मुझे बताया कि उसने इसे स्थानीय लोगों से खरीदा था और यह रागी का आटा नहीं है।
० लेसू कुमाऊं के साथ-साथ गढ़वाल में भी बनाई जाती है यह रोटी गेहूं के आटे में बाजरा भरकर बनाई जाती हैं।
कुलथ या हॉर्स ग्राम को गहत के नाम से भी जाना जाता है इस दाल में गंधारिन का तड़का लगाया जाता है यह क्या है इसकी खोज करने पर मुझे पता चला कि है एक प्रकार की हींग है मुझे यह नहीं मिला इसलिए मैंने सामान्य हींग और जीरे का उपयोग किया।
० मडुआ के आटे का सेवन त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है इसमें मौजूद अमीनो एसिड की मदद से स्किन टिशु झुकते नहीं है जिससे झुर्रियां नहीं पड़ती है इसके अलावा रागी या मडुआ व
Table of Contents
० मडूआ जैसे एलोवेरा का पौधा होता है कुछ उसमें अधिक लंबाई वाला पौधा होता है ।उसमें छोटे-छोटे फूल आते हैं जिनमें मडूआ के दाने होते हैं इन दानों को निकलवाकर पिसवाया जाता है फिर इस आटे से आप रोटी, डोसा, केक, मोती डबल रोटी, चिप्स कुछ भी बना सकते हैं मडूआ की रोटी मक्खन के साथ खाने में बहुत लजीज लगती है तो वही इस अक्सर सर्दियों में खाया जाता है मडूआ को अलग-अलग जगह अलग-अलग नाम से जाना जाता है उत्तराखंड के कुमाऊं में इसे मडूआ दक्षिण भारत में रागी कहा जाता है उत्तराखंड में रोटी को पसंद किया जाता हैं।
मडुआ की रोटी बनाने की सामग्री:
- एक कप रागी का आटा।
- तीन कप दही ।
- नमक आवश्यकतानुसार ।
- एक हरी मिर्च कटी हुई पेस्ट करने के लिए ।
- आधा कप गाजर ।
- आधा कप हरा प्याज।
मडुआ की रोटी बनाने की विधि :
इस मुख्य डिश रेसिपी को बनाने के लिए एक चॉपिंग बोर्ड ले और हरे प्याज को बारीक काट ले अब एक कद्दूकस कर ले और गाजर को कद्दूकस कर ले इसके बाद एक गहरा कटोरा ले और उसमें रागी का आटा, कटा हरा प्याज कद्दूकस की हुई गाजर और हरी मिर्च का पेस्ट डालें नमक छिड़कें और अपनी उंगलियों का उपयोग करके सभी सामग्री को मिलाएं, आटे में दही डालिए और नरम लचीला आटा गूंथ लीजिए।
एक बार हो जाने पर इस किचन टॉवल से ढक दें और कुछ देर के लिए अलग रख दे इस बीच, एक नॉन- स्टिक पैन को मध्यम आंच पर गर्म करें।
अब आटे को बराबर-बराबर छोटे-छोटे हिस्सों में बांट लें, थोड़े से रागी के आटे का उपयोग करके प्रत्येक भाग को घोल डिस्क में रोल करें। इसे धीरे से गर्म तवे पर रखें मध्यम आंच पर तब तक पकाएं जब तक की भूरे रंग के धब्बे दिखाई ना देने लगे रोटी को पलट कर दूसरी तरफ से भी पकाए पीछे तब तक पकाएं जब तक दोनों तरफ से हल्का भूरा रंग ने आ जाए । पैन से उतरकर प्लेट में रखें, प्रत्येक बेली हुई रोटी के साथ इसे दोहराएं अपनी पसंद की करी के साथ गरमा गरम परोसें आनंद लें।https://foodwada.com
मडुआ की रोटी के फायदे और नुक्सान क्या है?
- मडूवे का आटा पेट की समस्याओं जैसे एसिडिटी, कब्ज आदि से भी छुटकारा दिलाने में कारगर है शरीर की हड्डियों मजबूत बनी रहे इसके लिए कैल्शियम बेहद जरूरी है मडूवे की रोटी में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे हमारी हड्डियां मजबूत बनी रहती है इसकी नियमित सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो जाता है।
- मडूए में कैल्शियम, प्रोटीन, ट्रिप्टोफैन, आयरन, मेथिओनाइन, फाइबर, लेसिथिन, फास्फोरस कैरोटीन, और कार्बोहाइड्रेट आदि भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए इसे सर्दियों में भी खाना चाहिए मडूआ की रोटी खाने से शरीर को अनेक फायदे मिलते हैं।
- मडूआ का आटा सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है यह बच्चों और बड़ों दोनों के लिए ही उत्तम आहार होता है इसमें प्रोटीन, रेशा, वसा और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है।
- डायबिटीज के रोगियों के लिए… रामबाण दांतों के लिए असरदार…..
- वजन कम करने में मददगार…..
- पेट की समस्याओं से दिलाई निजात..
- कुछ लोगों को मडूआ में मौजूद किसी तत्व से एलर्जी हो सकती है और ऐसे में इसका सेवन करने पर सांस लेने में दिक्कत, त्वचा, चकत्ते विकसित होना खुजली या जलन जैसी समस्याएं विकसित हो सकती हैं।
Hello.
Good cheer to all on this beautiful day!!!!!
Good luck 🙂